chand vansh -कुमाऊं का चन्द राजवंश -8
1- उद्योग चंद चंद वंश की गद्दी पर कब बैठा था – 1678 नोट- * उद्योग चंद को गंगोली से बुलाकर गद्दी पर बैठ्या गया था। * रूद्रदत्त पंत नामक इतिहासकार ने उद्योग चंद को तपस्वी शासक आगे पढ़े…
1- उद्योग चंद चंद वंश की गद्दी पर कब बैठा था – 1678 नोट- * उद्योग चंद को गंगोली से बुलाकर गद्दी पर बैठ्या गया था। * रूद्रदत्त पंत नामक इतिहासकार ने उद्योग चंद को तपस्वी शासक आगे पढ़े…
1- त्रिमल चंद के पश्चात गद्दी में कौन बैठा- बाजबहादुर नोट – चंद वंश में बूढ़ा क्रूर अत्याचारी शासक कहा जाता बाजबहादुर * कुमांऊ का बलवन भी कहा जाता है इस के बारे में कहावत है वर्ष भयों अस्सी मती आगे पढ़े…
चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह 1- किस चंद शासक को कुमाऊँ के इतिहास में लखुली बिराली के नाम से भी जाना जाता है- लक्ष्मीचंद आगे पढ़े…
चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह 1– बालो कल्याण चंद के पश्चात कुमांऊ की गद्दी पर कौन बैठा था – रूद्रचंद 2- रूद्रचंद किस गढ़वाल आगे पढ़े…
चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह 1- किस चन्द शासक ने राजधानी चम्पावत से अल्मोड़ा स्थानान्तरित करने की योजना बनाई थी- भीष्म चन्द ने * नोट- राजधानी चम्पावत आगे पढ़े…
चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह 1-भारतीचंद गद्दी पर कब बैठा- 1437 2-भारतीचंद ने किस खस नेता की सहायता से विक्रमचंद को आगे पढ़े…
चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह 1-कौन सा चंद शासक खस राजाओं द्वारा से पराजित हुआ था – वीणाचंद 2-किस चंद शासक के समय चंद वंश की सत्ता उनके हाथो से चली गई थी- वीणाचंद 3- वीणा चंद किन आगे पढ़े…
चन्द राजवंश 1-चन्द वंश का संस्थापक कौन था – सोमचंद * बद्री दत्त पाण्ड़े चंद वंश का संस्थापक किसे मानते है – सोमचंद सोमचंद को प्रसिद्ध विद्वान एटकिंशन आगे पढ़े…
शास्त्रीय भाषा का दर्जा: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भारत में शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान करने की शुरुआत 2004 में हुई, जब संस्कृत को यह सम्मान प्राप्त हुआ। इसके बाद, 2005 में तमिल, तेलुगू और कन्नड़ को आगे पढ़े…
भारत द्वारा संचालित प्रमुख ऑपरेशन: एक अवलोकन भारत ने समय-समय पर विभिन्न संकटों और चुनौतियों का सामना करने के लिए कई महत्वपूर्ण सैन्य, मानवीय और बचाव अभियान चलाए हैं। ये ऑपरेशन न केवल भारत की रणनीतिक आगे पढ़े…
गौतम बुद्ध से जुड़ी विभिन्न मुद्राएं और प्रतीक धर्मचक्र मुद्रा-संस्कृत में ‘धर्मचक्र’ शब्द का अर्थ धर्म चक्र है, इसलिए, धर्मचक्र मुद्रा धर्म चक्र के घूमने का प्रतिनिधित्व करती है. इस मुद्रा में गौतम बुद्ध, दोनों आगे पढ़े…
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है गणतंत्र दिवस की परेड व उस में शामिल होने वाली झाकियां जो अलग-अलग राज्य व मंत्रालय की होती है उन झाकियों की अनूठी आगे पढ़े…
डॉ. मनमोहन सिंह: एक मिडिल क्लास लड़के से प्रधानमंत्री तक का सफर डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन को भारत के इतिहास में प्रेरणा का प्रतीक माना जाएगा, डॉ. मनमोहन सिंह जी देश के 13 वे प्रधानमंत्री तथा आगे पढ़े…
बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास: 13 साल की उम्र में बने आईपीएल के सबसे युवा खिलाड़ी बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रचते हुए आईपीएल ऑक्शन 2024 में सबसे युवा खिलाड़ी आगे पढ़े…
विक्टर मोहन जोशी: एक महान समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी जन्म: 1886 ई. (नैनीताल) पिता का नाम: जयदत जोशी विक्टर मोहन जोशी एक प्रतिष्ठित भारतीय समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार थे। नैनीताल में जन्मे जोशी ने प्रारंभिक शिक्षा आगे पढ़े…
हाट कालिका सिद्ध पीठ: गंगोलीहाट का पवित्र शक्तिपीठ गंगोलीहाट, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के आगे पढ़े…
बागनाथ मंदिर (बागेश्वर): एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर बागेश्वर का बागनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक धार्मिक स्थल है, जो गोमती और सरयू नदी के संगम पर स्थित है। इसे उत्तर भारत के वाराणसी के समान आगे पढ़े…
कैंची धाम – बाबा नीम करोली महाराज बाबा नीम करोली महाराज जन्म: अकबरपुर ग्राम, जिला आगरा, उत्तर प्रदेश मूल नाम: लक्ष्मी नारायण शर्मा मृत्यु: 11 सितंबर 1974, वृंदावन उत्तराखंड के नैनीताल के पास खैरना मार्ग पर स्थित आगे पढ़े…
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) श्री नीलकंठ महादेव मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यम्केश्वर ब्लॉक में स्थित है। यह पवित्र मंदिर गांव पुण्डरासु में, मणिकूट, विष्णुकूट और ब्रह्मकूट पर्वतों के मध्य, एक सुंदर प्राकृतिक आगे पढ़े…